( प्रस्तावना और माप )
(General Introduction & Measurement)
Very Short Answer Type Questions
प्रश्न 1. भौतिकी क्या है ?
उत्तर- भौतिकी विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत प्रकृति और प्राकृतिक घटनाओं अर्थात् द्रव्य, ऊर्जा और उनकी अन्तक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है।
प्रश्न 2. द्रव्य क्या है ?
उत्तर- द्रव्य वह है, जिसमें द्रव्यमान होता है, जो स्थान घेरता है और जिसका अनुभव हम अपनी ज्ञानेन्द्रियों से करते हैं। जैसे- हवा, पानी, लोहा, लकड़ी आदि ।
प्रश्न 3. चिरसम्मत भौतिकी क्या है ?
उत्तर- सन् 1900 ई. के पूर्व क्रमबद्ध एवं सुव्यवस्थित ज्ञान से युक्त भौतिकी को चिरसम्मत भौतिकी (Classical Physics) कहते हैं।
प्रश्न 4. चिरसम्मत भौतिकी की शाखाएँ कौन-कौन हैं ?
उत्तर- यांत्रिकी, ऊष्मा एवं ऊष्मागतिकी, ध्वनि, प्रकाशिकी एवं विद्युत-चुम्बकत्व।
प्रश्न 5. यांत्रिकी क्या है ?
उत्तर- यह भौतिकी की वैसी शाखा है जिसके अन्तर्गत स्थिर तथा धीमी गति से गतिशील वस्तुओं का अध्ययन किया जाता है।
प्रश्न 6. आधुनिक भौतिकी क्या है ?
उत्तर- सन् 1900 ई. के बाद के भौतिकी को आधुनिक भौतिकी कहते हैं। इसके अन्तर्गत परमाणु, नाभिक, संघनित द्रव्य, आपेक्षिकता का सिद्धान्त, क्वान्टम यांत्रिकी आदि का अध्ययन किया जाता है।
प्रश्न 7. आधुनिक भौतिकी के सम्बन्ध में अल्बर्ट आइन्स्टीन के क्या कथन हैं ?
उत्तर- आधुनिक भौतिकी ने जिस सत्य की सृष्टि की है, वह पूर्व के सत्य से अधिक भिन्न है।
प्रश्न 8. भौतिक राशियाँ क्या है ?
उत्तर- वे राशियाँ जिनका मापन किया जा सकता है, भौतिक राशियाँ कहलाती हैं।
प्रश्न 9. मात्रक क्या है ?
उत्तर - किसी भौतिक राशि के मापन के लिए निर्देश मानक को उसका मात्रक कहते हैं।
प्रश्न 10. भौतिक राशि का संख्यात्मक मान क्या है ?
उत्तर- किसी भौतिक राशि का संख्यात्मक मान वह संख्या है, जो बताती है कि उसमें उसका मात्रक कितनी बार सम्मिलित है । यह प्रयुक्त मात्रक के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
प्रश्न 11. मूल राशियाँ क्या है ?
उत्तर- जो राशियाँ एक-दूसरे से पूर्णत: स्वतंत्र रहती हैं, उन्हें मूल राशियाँ कहते हैं।
प्रश्न 12. मूल राशियाँ कितने तथा कौन-कौन हैं ?
उत्तर- मूल राशियाँ निम्नलिखित सात हैं- लम्बाई, द्रव्यमान, समय, तापक्रम, ज्योति तीव्रता, विद्युत धारा और पदार्थ के द्रव्यमान (मात्रा)।
प्रश्न 13. व्युत्पन्न राशियाँ क्या हैं?
उत्तर- जो राशियाँ मूल राशियों से व्युत्पन्न की जाती हैं, उन्हें व्युत्पन्न राशियाँ कहते हैं। जैसे - चाल, वेग, आयतन, बल, संवेग आदि व्युत्पन्न राशियाँ हैं।
प्रश्न 14. मूल मात्रक क्या है ?
उत्तर- मूल राशियों के मात्रक को मूल मात्रक कहते हैं, जो एक-दूसरे से पूर्णत: स्वतंत्र होते हैं।
प्रश्न 15. व्युत्पन्न मात्रक क्या है ?
उत्तर- जो मात्रक मूल मात्रकों से प्राप्त किये जाते हैं, व्युत्पन्न मात्रक कहलाते हैं।
प्रश्न 16. मात्रकों की पद्धतियाँ कौन-कौन हैं ?
उत्तर-मात्रकों की निम्नलिखित पद्धतियाँ हैं-
1. सी. जी. एस. पद्धति (C. G. S. System),
2. एफ. पी. एस. पद्धति (F. P. S. System),
3. एम. के. एस. पद्धति (M. K. S. System) तथा
4. मानक अन्तर्राष्ट्रीय पद्धति (S. I. System)
प्रश्न 17. सी. जी. एस. पद्धति क्या है ?
उत्तर- इसे सेन्टीमीटर-ग्राम-सेकेण्ड पद्धति कहते हैं। इसमें लम्बाई का मात्रक सेन्टीमीटर, द्रव्यमान का मात्रक ग्राम तथा समय का मात्रक सेकेण्ड होता है। इसे फ्रांसीसी या मीट्रिक पद्धति भी कहते हैं।
प्रश्न 18. एफ. पी. एस. पद्धति क्या है ?
उत्तर- इसे फूट-पौण्ड-सेकेण्ड पद्धति कहते हैं। इसमें लम्बाई का मात्रक फुट, द्रव्यमान का मात्रक पौण्ड तथा समय का मात्रक सेकेण्ड होता है । इसे ब्रिटिश पद्धति भी कहते हैं।
प्रश्न 19. एम. के. एस. पद्धति क्या है ?
उत्तर- इसे मीटर-किलोग्राम-सेकेण्ड पद्धति कहते हैं। इसमें लम्बाई का मात्रक मीटर, द्रव्यमान का मात्रक किलोग्राम तथा समय का मात्रक सेकेण्ड होता है । यह सी. जी. एस. पद्धति का ही बड़ा रूप है।
प्रश्न 20. मानक अन्तर्राष्ट्रीय (S.I.) पद्धति क्या है ?
उत्तर- यह मात्रकों की अन्तर्राष्ट्रीय पद्धति है। यह फ्रांसीसी Le Systems International d'Units का संक्षिप्त रूप है। यह एम. के. एस. पद्धति का परिवर्तित रूप है।
प्रश्न 21. लम्बाई क्या है ?
उत्तर- किन्हीं दो बिन्दुओं के बीच की दूरी को लम्बाई कहते हैं। इसका मूल मात्रक मीटर है।
प्रश्न 22. मानक मीटर की परिभाषा दें।
उत्तर- एक मानक मीटर वह दूरी है जिसमें शुद्ध क्रिप्टॉन-86 से उत्सर्जित नारंगी-लाल प्रकाश की 1650763.73 तरंगे समाहित होती हैं।
प्रश्न 23. माइक्रॉन, एंगस्ट्रॉम तथा फर्मी का सम्बन्ध मीटर से किस प्रकार है?
उत्तर- 1माइक्रॉन = 1/10⁶ मीटर, 1एंगस्ट्रॉम (Å) = 1/10¹⁰ मीटर, 1फर्मी (f) = 1/10¹⁵ मीटर होते हैं।
प्रश्न 24. प्रकाश वर्ष क्या है ?
उत्तर- प्रकाश द्वारा निर्वात में एक वर्ष में तय की गयी दूरी को एक प्रकाश वर्ष कहते हैं। प्रकाश वर्ष = वेग × समय = 9.46 × 10¹⁵ मीटर होती है, जहाँ प्रकाश का वेग = 3×10⁸ मी./से. तथा समय = 365×24×60×60 सेकेण्ड है।
प्रश्न 25. पारसेक क्या है ?
उत्तर- इसे पारेक्टीक सेकेण्ड कहते हैं। इसका उपयोग पृथ्वी से तारों की दूरी ज्ञात करने में किया जाता है। 1पारसेक = 3.26 प्रकाश वर्ष = 3.08×10¹⁶ मीटर होते हैं।
प्रश्न 26. खगोलीय मात्रक (A. U.) क्या है ?
उत्तर- पृथ्वी तथा सूर्य के बीच की औसत दूरी को खगोलीय मात्रक कहते हैं। - 1 A. U. = 1.496 x 10¹¹ मीटर होते हैं।
प्रश्न 27. द्रव्यमान क्या है ?
उत्तर- किसी वस्तु में पदार्थ की मात्रा को उसका द्रव्यमान कहते हैं ।इसका S. I. मात्रक किलोग्राम है।
प्रश्न 28. एक किलोग्राम की परिभाषा दें।
उत्तर- सेवरंस (फ्रांस) के वाट और माप के अन्तर्राष्ट्रीय कार्यालय में सुरक्षित रखे गये प्लैटिनम-इरीडियम मिश्रधातु के बेलन के द्रव्यमान को एक किलोग्राम कहते हैं। 4°C तापक्रम पर एक लीटर पानी के द्रव्यमान को एक किलोग्राम माना जाता है।
प्रश्न 29. परमाणु द्रव्यमान मात्रक क्या है ?
उत्तर- नाभिकीय भौतिकी में द्रव्यमान को परमाणु द्रव्यमान मात्रक (Atomic Mass Unit (a. m. u.)) में मापा जाता है। कार्बन-12 (₆C¹²) के द्रव्यमान के 1/12वें भाग को एक परमाणु द्रव्यमान मात्रक कहते हैं।
अत: 1परमाणु द्रव्यमान मात्रक = 1/12×कार्बन −12 के परमाणु का द्रव्यमान =1.66 × 1/10²⁷ किलोग्राम
प्रश्न 30. एक सेकेण्ड को परिभाषित करें।
उत्तर- यह समय का मात्रक है। एक सेकेण्ड समय का वह अन्तराल है जिसमें सीजियम-133 परमाणु 9192631770 कम्पन करता है। यही सीजियम घड़ी को मानक मानने का आधार है।
प्रश्न 31. एक केल्विन क्या है ?
उत्तर- यह तापक्रम का S. I. मात्रक है। जल के त्रिक् बिन्दु के ऊष्मागतिक तापक्रम के 1/273.16 भाग को एक केल्विन कहते हैं।
प्रश्न 32. एक ऐम्पियर की परिभाषा दें।
उत्तर- वायु या निर्वात में एक मीटर की दूरी पर रखे दो सीधे, लम्बे और समान्तर तारों में समान विद्युत धारा के एक ही दिशा में प्रवाहित होने से प्रत्येक तार की प्रति मीटर लम्बाई पर 2 × 1/10⁷ न्यूटन का आकर्षण बल लगने की स्थिति में विद्युत धारा के परिमाण को एक ऐम्पियर कहते हैं।
प्रश्न 33. ज्योति तीव्रता क्या है ?
उत्तर- किसी प्रकाश स्रोत द्वारा एक स्टेरेडियन घन कोण में किसी निश्चित दिशा में प्रति सेकेण्ड जितनी प्रकाश ऊर्जा उत्सर्जित किया जाता है, उसे उसकी ज्योति-तीव्रता कहते हैं। इसका S. I. मात्रक कैण्डेला है।
प्रश्न 34. एक कैण्डेला क्या है ?
उत्तर- जब कोई प्रकाश स्रोत किसी दिशा में 540 × 10¹² hz आवृति और 1/683 वाट/स्टेरेडियन विकिरण तीव्रता का एक वर्णी प्रकाश उत्सर्जित करता है तो उस दिशा में उसकी ज्योति तीवता एक कैण्डेला होती है।
प्रश्न 35. एक मोल की परिभाषा दें।
उत्तर- यह पदार्थ की मात्रा का मात्रक है। पदार्थों की उस मात्रा को एक मोल कहते हैं, जिसमें उसके अवयवी परमाणुओं की संख्या ऐवोगाद्रो संख्या (6.023 × 10²³) या कार्बन-12 के 0.012 किलोग्राम में परमाणुओं की संख्या के बराबर होती है।
प्रश्न 36. एक रेडियन क्या है ?
उत्तर- यह समतल कोण का S. I. मात्रक है। एक रेडियन वृत की उन दो त्रिज्याओं के बीच के कोण के बराबर होता है जो वृत की परिधि पर त्रिज्या के बराबर चाप काटती है।
प्रश्न 37. एक स्टेरेडियन क्या है ?
उत्तर- यह घन कोण का S. I. मात्रक है। एक स्टेरेडियन वह घन कोण है, जो उस गोलीय सतह के क्षेत्रफल गोले की त्रिज्या के वर्ग के तुल्य होता है, जिसे गोले के केन्द्र पर बनाया जाता है । स्टेरेडियन = गोलीय सतह का क्षेत्रफल / त्रिज्या का वर्ग होता है।
प्रश्न 38. मापन की त्रटियाँ क्या है?
उत्तर- मापन की अनिश्चितता को मापन की त्रुटियाँ कहते हैं।
प्रश्न 39. मापन की त्रुटियों का वर्गीकरण करें।
उत्तर- मापन की त्रुटियों को निम्नलिखित तीन वर्गों में वर्गीकृत किया जाता है-
1. क्रमबद्ध त्रुटियाँ, 2. यादृच्छिक त्रुटियाँ , 3. सकल त्रुटियाँ।
प्रश्न 40. क्रमबद्ध त्रुटियाँ क्या हैं ?
उत्तर- यंत्रों की बनावट, अपूर्ण तकनीक, मापन के समय भौतिक राशि में परिवर्तन तथा मापनकर्ता की व्यक्तिगत त्रुटि के कारण होने वाली त्रुटियों को क्रमबद्ध त्रुटियाँ कहते हैं।
प्रश्न 41. यंत्रीय त्रुटि क्या है ? यह कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर- यंत्र के बनावट में त्रुटि होने के कारण उत्पन्न त्रुटि यंत्रीय त्रुटि कहलाती है। यह निम्नलिखित प्रकार की होती है - (क) शून्यांक त्रुटि, (ख) अल्पतमांक त्रुटि, (ग) अचर त्रुटि ।
प्रश्न 42. अल्पतमांक त्रुटि क्या है ?
उत्तर- मापन यंत्रों की यथार्थता की सीमा के कारण होने वाली त्रुटि को अल्पतमांक या अनुमेय त्रुटि कहते हैं।
प्रश्न 43. अचर त्रुटि क्या है ?
उत्तर- बार-बार प्रेक्षण के बाद भी त्रुटि का मान समान रहने को अचर त्रुटि कहते हैं। यह यंत्र के पैमाने के गलत अंशांकन के कारण होती है।
प्रश्न 44. यादृच्छिक त्रुटि क्या है ?
उत्तर- जब कोई मापनकर्ता किसी भौतिक राशि की माप कई बार करता है और प्रत्येक बार विभिन्न पाठ्यांक प्राप्त करता है तो उस त्रुटि को यादृच्छिक त्रुटि कहते हैं । इसके निवारण के लिए सभी मापों का मध्यमान निकाले जाते हैं।
प्रश्न 45. सकल त्रुटि क्या है ?
उत्तर- मापनकर्ता की असावधानी के कारण होने वाली त्रुटि को सकल त्रुटि कहते हैं। इसका संशोधन असम्भव होता है।
उत्तर- किसी भौतिक राशि की वास्तविक माप और मापनकर्ता की व्यक्तिगत माप के अन्तर को मापन की निरपेक्ष त्रुटि कहते हैं।
प्रश्न 47. आपेक्षिक त्रुटि की परिभाषा दें।
उत्तर- मापन की निरपेक्ष त्रुटि और भौतिक राशि के वास्तविक माप के अनुपात को आपेक्षिक त्रुटि कहते हैं।
प्रश्न 48. प्रतिशत त्रुटि क्या है ?
उत्तर- जब आपेक्षिक त्रुटि को प्रतिशत में दर्शाया जाता है तो उसे प्रतिशत त्रुटि कहते हैं।
प्रश्न 49. संदिग्ध अंक क्या है ?
उत्तर- जब किसी माप को किसी मापन यंत्र की यथार्थता की सीमा के अन्तर्गत लिखा जाता है तो उस माप के अन्तिम अंक को संदिग्ध या अनिश्चित अंक कहते हैं।
प्रश्न 50. सार्थक अंक क्या है ?
उत्तर - किसी भौतिक राशि को यथार्थता पूर्वक व्यक्त करने के लिए उपयोग में लाये गये अंकों की संख्याओं को सार्थक अंक कहते हैं। किसी माप में इसकी संख्या जितनी अधिक होती है, वह माप उतना ही अधिक यथार्थ होता है।
प्रश्न 51. परिमाण की कोटि क्या है ?
उत्तर- संख्या के निकटतम 10 की घात को परिमाण की कोटि कहते हैं।
प्रश्न 52. विमाएँ क्या होती हैं ?
उत्तर- किसी भौतिक राशि के व्युत्पन्न मात्रक को मूल मात्रकों के जिन-जिन घातों द्वारा व्यक्त किया जाता है, उन घातांकों को उस राशि की विमाएँ कहते हैं।
प्रश्न 53. विमायुक्त चर राशियाँ क्या हैं ?
उत्तर- उन चर राशियों को जिनकी विमाएँ होती हैं, विमायुक्त चर राशियाँ कहते हैं । जैसे-त्वरण, वेग, बल आदि।
प्रश्न 54. विमायुक्त अचर राशियाँ क्या हैं ?
उत्तर- उन अचर राशियों को जिनकी विमाएँ होती हैं, विमायुक्त अचर राशियाँ कहते हैं। जैसे-सार्वत्रिक गुरुत्वीय नियतांक, गैस नियतांक, प्रकाश का वेग आदि ।
प्रश्न.55. विमाहीन चर राशियाँ क्या हैं ?
उत्तर- उन चर राशियों को जिनकी विमाएँ नहीं होती हैं, विमाहीन चर राशियाँ कहते हैं। जैसे- विकृति, कोण, विशिष्ट गुरुत्व आदि।
प्रश्न 56. विमाहीन अचर राशियों के उदाहरण दें।
उत्तर-1, 2, 3, π आदि।
प्रश्न 57. विमीय सूत्र क्या है ?
उत्तर- वह सूत्र जो किसी भौतिक राशि के व्युत्पन्न मात्रक को मूल मात्रकों के उचित घातों के द्वारा व्यक्त करता है, विमीय सूत्र कहलाता है।
प्रश्न 58. विमीय समांगता का सिद्धान्त क्या है ?
उत्तर- विमीय समांगता का सिद्धान्त बताता है कि किसी भी शुद्ध भौतिक समीकरण के दोनों पक्षों के पदों की विमाएँ सदैव समान होती हैं।
प्रश्न 59. गुरुत्वाकर्षीय नियतांक के मात्रक तथा विमा लिखें।
उत्तर- मात्रक:- न्यूटन मीटर ²/किलोग्राम ² तथा विमा- [ 1/M¹ L³ 1/T² ]
प्रश्न 60: ऊष्मा चालकता गुणांक के मात्रक तथा विमा लिखें।
उत्तर- मात्रक:-जूल/मीटर × सेकेण्ड × केल्विन तथा विमा - [ ML1/T³ 1/K¹ ]